छा रहे हैं स्मृति मेघ
मेरे मन - पटल पर,
भूल पाना है कठिन
एक पल भी भूल कर।
आज भी खुशियाँ बिछाये
प्रिय ! स्मृति मेघ तुम्हारे,
खुशियों के फूल खिलाऐ
जीवन की राहों पर मेरे।
तेरे गीतों की सरगम पर
मैंने यह साज उठाया है,
तेरी यादों के साये में
ये स्मृति मेघ बनाया है।
इन स्मृति मेघ के छन्दों में
बस याद तुम्हारी बनी रहे,
मेरे मन की सीमाओं पर
तेरी ही प्रिये ! पहचान रहे।
OK
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