इश्क तड़प मेरा रोया, बहता आँखों से पानी
नजर लगी है मेरे प्यार को, मैं नहीं जानू किसकी।
बिना तुम्हारे कैसे रहूँगा, मेरे सपनों की रानी।
यादों की मैं क्या बतलाऊँ, हर पल आए हिचकीनजर लगी है मेरे प्यार को, मैं नहीं जानू किसकी।
दूध मिश्री की तरह घुली थी,अपनी प्रेम कहानी
बीच राह तुम चली गई, जैसे बादल बरसे पानी।
नींद नहीं आती है मुझ को, याद तेरी तरसाती
रोज मेरे सपनों में आकर, तेरी तस्वीर बनाती।
छोड़ गईं तुम झाँझर बेला, किसे कहूँ अपनी बीती
जीवन में सब सुख हो कर भी, प्रेम की गागर रीती।
पिया सोमरस संग तुम्हारे, आज हाथ मेरे पानी
मेरे जीवन का अब सम्बल, अपनी प्रेम कहानी।
ok
No comments:
Post a Comment