Saturday 12 September 2020

ख्वाब अधूरा रह गया --4

तोड़ गई वो वादा अपना, सात फेरों के संग किया,
चली गई वो स्वर्गलोक में, बीच राह में छोड़ दिया।

खुशियाँ रूठ गई जीवन की,जीवन मेरा बिखर गया,
  किश्ती डूबी मेरे जीवन की, बीच भँवर में फँस गया।

रंग उड़ा मेरे जीवन का, सपना मेरा बिखर गया,
अरमानों की नैया डूबी, बासंती मौसम रीत गया।

 किस से दिल की बात कहूँ, हमराही तो चला गया,
                                      अंतहीन है विरह वेदना, सुख का आँचल छूट गया ।                                  

जब जब मैंने याद किया, नयनों में नीर उतर आया,
ठण्डी पड़ गई मेरी साँसें, जीवन चापल्य रीत गया।

सदियों जैसा दिन लगता है, मेरा जीवन ठहर गया 
  रात गुजरती आँखों में अब, ख्वाब अधूरा रह गया। 


ok





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