Monday 7 September 2020

ढलते मौसम के साथ --15


काश !
तुम  जिन्दगी में 
एक बार फिर से मिलो 
किसी राह में 
किसी मोड़ के बाद में। 

और फिर से 
एक बार 
मेरी हमसफ़र बनो 
जिंदगी के बचे सफर में। 

मौसम को देख
कुछ आशाएँ 
कुछ इच्छाएँ 
उठती हैं मेरे भी दिल में। 

जैसे ठूँठ में
फूटती है कोंपलें 
 ढलते मौसम के साथ में। 
ok







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