तुम्हारे जाने के बाद
सब कुछ सूना- सूना
लग रहा है,
जीवन भी अब तो
मौत से बदतर लग रहा है।
तुम थी तो जिंदगी
भोर की लालिमा लगती थी,
लेकिन अब तो साँझ की
कालिमा लगती है।
अब तो घुटन
तड़पन
उदासी
अकेलापन
यही रह गया है जीवन में।
मेरे जीवन में अब
सुख का सावन
कभी नहीं आएगा।
जीवन की साँझ का
अब कोई नया सवेरा
नहीं होगा।
सुहाने सफर में
संग चलते-चलते
बीच राह तुमने मेरी
कहानी का अंत कर दिया।
ok
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