Sunday 6 September 2020

तुम्हारा शुक्रिया --18 A

तुम्हारे संग 
बिताये लम्हों की यादें
आज भी मेरी गलबहियाँ लेती हैं। 

तुम्हारा हँसना 
तुम्हारा मुस्कराना 
और तुम्हारी अदाएँ 
आज भी दिल को शुकून देती हैं। 

मैं चाहता हूँ
तुम्हारी यादों को 
कविता और गीतों के 
माध्यम से सहेज कर रखूँ। 

ताकि पराजगत में 
जब तुम मुझे 
मिलो किसी मोड़ पर  
मैं इनकी बंदनवार सजादूँ । 

और घुटनों के बल झुक 
अदा करूं तुम्हारा शुक्रिया 
उन पलों के लिए
जो पल तुमने मेरे नाम किये । 

ok





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