Saturday 12 September 2020

मेरा मन आज उदास हो गया --3

मेरा मन आज उदास हो गया  
बैठे-बैठे तुम्हारे ख्यालों में खो गया।

तुम्हारी बदरी सी जुल्फें
तुम्हारा हँसता हुआ चेहरा
तुम्हारे आँचल का छूना, मुझे याद आ गया
मेरा मन तुम्हारी चुहलबाजी की
यादों में खो गया
मेरा मन आज उदास हो गया।

मेरा रूठना और तुम्हारा
कनखियों से देख कर हँसना
तुम्हारे अंतर का भोलापन, मुझे याद आ गया
मेरा मन तुम्हारी आँखों के सहज
सलोनेपन में खो गया
मेरा न आज उदास हो गया।

तुम्हारे संग हँसी के कहकहे लगाना
थक कर तुम्हारी बाँहों को थामना
तुम्हारा बारिश में भीगना, मुझे याद आ गया
मेरा मन तुम्हारे मृदु हाथों के स्पर्श की
अनुभूति में खो गया
मेरा मन आज उदास हो गया।

गाँव के घर में टिचकारी से बुलाना
इशारों में ही सब कुछ समझाना
तुम्हारे मुखड़े का लंबा घूँघट, मुझे याद आ गया
मेरा मन तुम्हारे नर्म अहसासों की
सिहरन में खो गया
मेरा मन आज उदास हो गया।

मेरा मन आज उदास हो गया
बैठे-बैठे तुम्हारे ख्यालों में खो गया।

ok

























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