याद आती बचपन की बातें,
प्यार भरी वो सुनहरी यादें।
बारिश के पानी में उछलना,
मेंढक को देख चीखें लगाना,
कटी पतंगों के पीछे दौड़ना,
दीपक की रौशनी में पढ़ना।
थैला लेकर स्कूल में जाना,
थूक से स्लेट साफ़ करना,
नई किताबों पर गत्ते चढ़ाना,
पहाड़े बोल कर याद करना।
दोस्तों के साथ कंचा खेलना,
फूल पर से तितली पकड़ना,
अपने भाई को घोड़ा बनाना,
दादी से रोज कहानी सुनना।
होली में सबको रंग लगाना,
सावन में खूब झूले झूलना,
तीज पर मेला देखने जाना,
दिवाली पर पटाखें छोड़ना।
याद आती बचपन की बातें,
प्यार भरी वो सुनहरी यादें।
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