भूगर्भ खजाना खाली हो रहा,
धरती का तापमान बढ़ रहा,
विशाल ग्लेशियर पिघल रहा।
समुद्र धरती को निगल रहा,
मौसम का चक्र बिगड़ रहा,
बाढ़-सूखा चीत्कार कर रहा,
ओजोन कवच अब टूट रहा।
प्रदूषण दुनिया में फ़ैल रहा,
परमाणु का खतरा बढ़ रहा,
भूकम्प, सुनामी कम्पा रहा.
अकाल मृत्यु दस्तक दे रहा।
यह महा-प्रलय की आहट है,
सम्पूर्ण जैविकता खतरे में है,
हमें मिल कर इसे बचाना है,
इस धरती की रक्षा करना है।
OK
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