Thursday 4 March 2021

बच्चे खो रहें हैं अपना बचपन -- 99

बच्चे खो रहें हैं अपना बचपन
अब वो नहीं खेलने जाते 
गलियों, नुक्कड़ों और मोहल्लों में। 

अब वो नहीं  घूमने जाते
दशहरे, नागपंचमी और
गणगौर के मेलों में। 

अब वो नहीं खेलते
गिल्ली डंडा, खोखो और
आँख मिचौनी मैदानों में। 

अब वो नहीं सुनते
नानी-दादी से कहानियाँ
 बैठ उनके सानिध्य में।  

अब वो नहीं चलाते 
 कागज की नाव 
वर्षात के बहते पानी में। 

वो उलझ कर रह गए हैं
हंगामा, पोगो, टैलेंट हंट
के मायाजाल में। 

सिमट गया है उनका बचपन
टैब, मोबाइल और कम्प्यूटर
की स्क्रीन में। 

समय से पहले ही वक्त ले गया 
उनकी भोली सी मुस्कान 
डाल कर झोली में।

OK

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