Friday 5 March 2021

कोरोना से कैसा डर --111

कोरोना से कैसा डर,आया है चला जायेगा 
तू सकारात्मकता से सोच कर के तो देख।  

                  कोरोना को हम सब,  साथ मिल हराऐंगे 
                 तू एक बार कदम आगे बढ़ा कर तो देख। 

छट जाएंगे बादल, संशय और जड़ता के 
तू एक बार मन में साहस भर के तो देख। 

              कट जाएगी रात, सवेरा निश्चित आएगा 
              तू एक बार खिड़की खोल कर तो देख। 

आसमान को छू लेना कोई मुश्किल नहीं 
तू बस एक बार हाथ उठा कर के तो देख। 

           बैठते थे हम जहाँ कॉफी पीने साथ -साथ 
          मैं आज वहाँ जा रहा हूँ, तू भी आ के देख। 

पुरानी यादों का पिटारा फिर खुल जाएगा 
तू एक बार चाय पर बुला कर के तो देख। 

           ठहाकों की महफ़िल जल्द ही फिर सजेगी 
           तू एक बार फिर से आवाज देकर तो देख। 

ok 




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