Tuesday 2 March 2021

कलात्मक सृजनता --114

ताल 
कानाताल 
पौड़ी गढ़वाल का 
सुन्दर, शांत इलाका 
छोटा-सा बाजार। 

दो दिन से लगातार 
हो रहा है हिमपात 
लगता है जैसे काश के 
फूलों को बिछा दिया
गया है चहुँ ओर। 

पहाड़ों पर छितरे हैं 
दूर-दूर तक मकान 
छतों पर पड़ी हिम 
चमक रही है धूप में। 

देवदार के पेड़ 
क्रिसमस ट्री बन गए हैं
झर रही है हिम रुई की तरह 
हवा के हल्के झोंके से। 

हिम से ढके पहाड़ 
चमक रहे हैं सूर्योदय 
के समय सोने की तरह। 

पर्यटकों का मन मोह रहे हैं 
बर्फीली वादियों के नज़ारे 
चाँदी जैसे गुलज़ार हो गए हैं 
देवभूमि के पर्वत। 

प्रकृति ने एक सफ़ेद चादर 
चांदनी की तरह ओढ़ रखी है 
जैसे चाँद छोड़ गया हो
अपनी चांदनी को। 

चारों ओर बिखरा पड़ा है 
प्रकृत्ति का अनुपम सौन्दर्य 
मन को मोह लेती है यहॉं की 
कलात्मक सृजनता। 

ok




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