Tuesday 2 March 2021

कुछ यादें और कुछ अहसास --110

देखते ही देखते
कितना कुछ बदल गया
एक छोटी सी गुड़िया  
जो सदा हमारे साथ खेलती थी 
आज सात समुद्र पार चली गई। 

उसके बचपन की ढेरों सौगातें 
बसी है हमारे दिलों में
आँगन में पैंजन की रुनझुन 
तोतले बोलो की मीठी सरगम 
किलकारियों से घर का गूंजना 
खिलखिला कर हँसना 
अँगुली पकड़ कर चलना 
लगता है जैसे कल की बातें हैं। 

सत्तरह वर्ष की उम्र में 
चली गई अमेरिका पढाई करने
आज कर रही है वहाँ जॉब 
कुछ वर्षों में हो जाएगी शादी 
चली जाएगी अपने ससुराल 
एक नया संसार बसाने
रह जाएगी सदा-सदा के लिए 
हमारे संग उसकी कुछ यादें 
और कुछ अहसास। 

ok
 

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